6/18/21

गहमर -एशिया का सबसे बड़ा गांव

गहमर

भारत ही नहीं एशिया का सबसे बड़ा है यह गांव, यहां 12 हजार से अधिक हैं फौजी, एक लाख 20 हजार है आबादी सन 1530 में कुसुम देव राव (Kusum Dev Rao) ने सकरा डीह नामक स्थान पर गहमर गांव बसाया था. द्वितीय विश्व युद्ध में गहमर के 226 सैनिक अंग्रेजी सेना में शामिल हुए थे, जिसमें से 21 वीरगति को प्राप्त हुये थे.

गाजीपुर. गांव के हर घर में देशभक्ति का जज्बा और हर युवा के दिल में सैनिक बन कर देश सेवा की हसरत. शायद यही वजह है कि इस गांव को फौजियों का गांव कहते हैं. गाजीपुर (Ghazipur) का गहमर गांव (Gahmar Village) जहां कई पीढ़ियों से देश सेवा के लिए फौजी बनना एक परम्परा बन चुकी है. गहमर का हर युवा आज भी फौजियों के गांव की इस परम्परा की विरासत को पूरे जिम्मेदारी से संभाले हुये हैं. गाजीपुर में फौजियों का ये गांव जहां एशिया में सबसे बड़ा गांव है, वहीं औसतन हर घर में एक सैनिक (Soldier) इस गांव की शान बढ़ा रहा है. हर करम अपना करेंगें ऐ वतन तेरे लिए. दिल दिया है जान भी देंगें ऐ वतन तेरे लिए. गाजीपुर के गहमर गांव की फिजाओं में शायद यही लफ्ज हर पल गूंजते हैं.
गहमर की मिट्टी, हवा और पानी भी देशभक्ति और देश सेवा के जज्बे को पूरी तरह अपने में समेटे हुये है. यही वजह है कि गांव के हर शख्स के लिए फौजी बनकर देश सेवा पहला लक्ष्य होता है. गांव की गलियां हो, बाग, खेत-खलिहान या गंगा के घाट हर जगह युवा फौज में भर्त्ती के लिए जीतोड़ मेहनत करते नजर आते हैं. गहमर के हर युवा के दिल में फौज में भर्त्ती होकर देश के लिए सब कुछ न्योछावर कर देने का हौंसला उन्हे बेमिसाल बनाता है.
गहमर उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले का एक गाँव है। यह गाँव भारत का सबसे बड़ा गाँव है। यह एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा गांव है | यह पटना और मुगलसराय रेल मार्ग पर स्थित है | गाँव के पश्चिम छोर पर कमइच्छा माई (माँ कामाख्या) का मंदिर स्थित है


 

गाजीपुर जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर गंगा किनारे बसा गहमर एशिया का सबसे बड़ा गांव माना जाता है, जिसकी कुल आबादी एक लाख बीस हजार है. तकरीबन 25 हजार मतदाताओं वाला गहमर 8 वर्ग मील में फैला हुआ है. गहमर 22 पट्टियों या टोले में बंटा है. ऐतिहासिक दस्तावेज बताते हैं कि सन 1530 में कुसुम देव राव ने सकरा डीह नामक स्थान पर गहमर गांव बसाया था. गहमर में ही प्रसिद्ध कामख्या देवी मंदिर भी है, जो पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत बिहार के लोगों के लिए आस्था का बड़ा केन्द्र है. लेकिन गहमर की सबसे बड़ी पहचान है यहां के हर घर में एक फौजी से.

गांव वाले मां कामाख्या को अपनी कुल देवी मानते हैं और देश सेवा को अपना सबसे बड़ा फर्ज. गहमर गांव के औसतन हर घर से एक पुरुष सेना में कार्यरत है. गांव के हर घर में फौजियों की तस्वीरें, वर्दियां और सेना के मेडल फौजियों के इस गांव की कहानी खुद ही बयान कर देती हैं. वर्तमान में गहमर के 12 हजार से अधिक लोग भारतीय सेना के विभिन्न अंगों में सैनिक से लेकर कर्नल तक के पदों पर कार्यरत हैं. जबकि 15 हजार से ज्यादा भूतपूर्व सैनिक गांव में रहते हैं. बताया जाता है कि सैन्य सेवा को लेकर गहमर की ये परम्परा प्रथम विश्व युद्ध से शुरु हुई. द्वितीय विश्व युद्ध में गहमर के 226 सैनिक अंग्रेजी सेना में शामिल रहे, जिसमें से 21 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुये थे.


कामख्या हर मोर्चे पर गहमर के अपने बेटों की रक्षा स्वयं करती हैं

देशभक्ति और सैन्य सेवा का ये जुनून अब गहमर वासियों के लिए परम्परा बन चुका है. गहमर की पीढ़ियां दर पीढ़िया अपनी इस विरासत को लगातार संभाले हुये हैं. गहमर के सैनिकों ने सन 1962,1965 और 1971 के युद्धों में भी भारतीय सेना के लिए अपने हौंसले और जज्बे के दम पर मोर्चा संभाला था. देश सेवा इस गांव के हर बांशिदे के लिए सबसे बड़ी गर्व की बात है. फौजियों के इस गांव की एक सच्चाई ये भी है कि आजादी के बाद से आज तक गहमर के सैनिक विभिन्न युद्धो में अपनी वीरता और शौर्यता का परचम तो फहराते रहे, लेकिन आज तक कोई भी शत्रु सेना उनका बाल भी बांका नही कर पायी. गहमर के लोगों की मान्यता है कि उनकी कुल देवी मां कामख्या हर मोर्चे पर गहमर के अपने बेटों की रक्षा स्वयं करती हैं. यूपी के गाजीपुर जिले के गहमर गांव को पूरे देश में फौजियों के गांव के रुप में पहचाना जाता है. गहमर का हर युवा होश संभालते ही देश सेवा के लिए सेना में भर्त्ती होने के लिए अभ्यास शुरु कर देता है. फौजियों के इस गांव में युवाओं का मकसद सैनिक बनकर देश सेवा ही होता है. पूरा गांव अपने इस जज्बे पर गर्व भी महसूस करता है.

Gahmar kamakhya mandir
Gahmar maa kamakhya mandir


इंडि‍यन आर्मी में तैनात हैं इस गांव के 10 हजार जवान, ये है फैसिलि‍टी-प्रॉब्लम

4 वर्ष पहले

गाजीपुर. यूपी के गाजीपुर में एशिया का सबसे बड़ा गांव 'गहमर' है। यहां की पॉपुलेशन करीब 1 लाख 20 हजार है। जहां हर घर से करीब 10 हजार जवान इंडियन आर्मी में तैनात हैं या रहे हैं। भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति के अध्यक्ष मार्कंडेय सिंह ने बताया,  15 किलोमीटर के एरिया में फैले इस गांव में करीब 10 हजार घर हैं।

गांव में ये है फैसिलिटी, ये हैं दिक्कतें

 - गहमर इंटर कॉलेज के प्रबंधक हरेराम सिंह ने बताया, ''शहर जाने और आने के लिए ताड़ीघाट बारा मार्ग पर 3 से 4 फीट के गड्ढे हैं और बारिश में पानी जमा रहता है। इसकी दूरी करीब 20 किलोमीटर है।''
- ''गांव वालों को शहर आने जाने के लिए दूसरे स्टेट बिहार से बक्सर-चौसा होते हुए 75 किलोमीटर की दूरी तय करके उजियार भरौली मोहम्दाबाद से गाजीपुर शहर आना-जाना पड़ता है। बिजली यहां 12 से 14 घंटे रहती है।''
- ''गांव में 6 प्राइमरी स्कूल, एक जूनियर हाई स्कूल, एक इंटर कॉलेज, एक गल्र्स इंटर कॉलेज, दो डिग्री कॉलेज, 2 पोस्ट ऑफिस, 3 बैंक, 5 गंगा घाट, 2 जल निगम की पानी की टंकी, एक सिनेमाहाल, एक रेलवे स्टेशन, एक मिनी स्टेडियम, एक पार्क है।''

इंडि‍यन आर्मी में हैं 10 हजार जवान

1. इस गांव के करीब 10 हजार लोग इंडि‍यन आर्मी में जवान से लेकर कर्नल तक हैं, जबकि 14  हजार से ज्यादा भूतपूर्व सैनिक हैं।

2. रिकॉर्ड के मुताबिक, 2009 के लोकसभा चुनाव में गांव में 24 हजार 734 वोटर्स रहे।
3. गांव गाजीपुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गहमर में एक रेलवे स्टेशन भी है, जो पटना और मुगलसराय से जुड़ा हुआ है।
4. इतिहासकारों के मुताबिक, सन् 1530 में कुसुम देव राव ने 'सकरा डीह' नामक स्थान पर इसे बसाया था।
5 गांव 22 टोले में बंटा हुआ है और हर पट्टी किसी न किसी प्रसिद्ध व्यक्ति सैनिक के नाम पर है।  
6. प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध हो या 1965 और 1971 के युद्ध या फिर कारगिल की लड़ाई, सब में यहां के फौजियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
7. विश्वयुद्ध के समय अंग्रेजों की फौज में गहमर के 228 सैनिक शामिल थे, जिनमें 21 मारे गए थे। इनकी याद में गहमर में एक शिलालेख लगा हुआ है।
8. गहमर के भूतपूर्व सैनिकों ने पूर्व सैनिक सेवा समिति नामक संस्था बनाई है। गांव के युवक गांव से कुछ दूरी पर गंगा तट पर स्थित मठिया चौक पर सुबह-शाम सेना की तैयारी करते नजर आ जाते हैं।  
9. इंडियन आर्मी गहमर में ही भर्ती शिविर लगाया करती थी, लेकिन 1986 में इसको किसी कारण से बंद कर दिया गया।
10. सैनिकों की भारी संख्या को देखते हुए भारतीय सेना ने गांव के लोगों के लिए सैनिक कैंटीन की भी सुविधा उपलब्ध कराई थी। जिसके लिए वाराणसी आर्मी कैंटीन से सामान हर महीने में गहमर गांव में भेजा जाता था, लेकिन पिछले कई सालों से यह सेवा बंद चल रही है।

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Gahmar, Gazipur,Uttar Pradesh - Largest village in india

Gahmar

Gahmar is a village in India, located near the Ganges river in the Ghazipur district in the state of Uttar Pradesh. The village is 38 km from Ghazipur. The village has two post offices, and one Panchayat Bhawan.


Map of Gahmar, Gazipur,UP

History

Gahmar was settled by Sikarwars, the descendants of Dham Deo singh who came from the vicinity of Fatehpur Sikri after Babur captured it in 1527 AD. They are the descendants of Dham Deo singh's brother Maharaja Kam Dev singh. After moving east from Fatehpur Sikri, initially, both of them settled in Sakradih, but due to floods, Dham Deo migrated to Maa Kamakhya Dham near Gahmar and Kam Deo settled in Reotipur. Dham Dev had two sons—Roop Ram Rao and Diwan Ram Rao. One of Roop Ram's son, Sainu Mal Rao and his descendants settled largely in Gahmar. By 1800 AD, 23 patties in Gahmar were established by the clan members.

Gahmar maa kamakhya temple
Gahmar maa Kamakhya Temple


Demographics

As of 2011 Indian Census, Gahmar had a total population of 25,994, of which 13,367 were males and 12,627 were females. Population within the age group of 0 to 6 years was 3,650. The total number of literates in Gahmar was 17,108, which constituted 65.8% of the population with male literacy of 74.0% and female literacy of 57.1%. The effective literacy rate of 7+ population of Gahmar was 76.6%, of which male literacy rate was 86.4% and female literacy rate was 66.2%. The Scheduled Castes and Scheduled Tribes population was 3,295 and 327 respectively. Gahmar had 4365 households in 2011.[1] The main population of Gahmar lived in an area of 476 acres.

Transport

Railways

Gahmar has a railway station connected to Patna and Mughalsarai Junction railway station.

Gahmar railway station
Gahmar railway station


In this ‘village of jawans’ in UP, all root for national security

Local residents claim that every house in Gahmar, with a population of more than one lakh, has one person who has either served or is presently serving in the armed forces.

As residents in Gahmar, the “village of jawans” in eastern Uttar Pradesh’s Ghazipur district, 

As residents in Gahmar, the “village of jawans” in eastern Uttar Pradesh’s Ghazipur district,

Local residents claim that every house in Gahmar, with a population of more than one lakh, has one person who has either served or is presently serving in the armed forces.

And the majority of discussion in Gahmar this year has revolved around national security, the valour of Indian armed forces and what it takes to be a soldier.

“Issues such as surgical strike, nationalism, new India and national security have blurred the caste lines and it appears that everybody is charged up to vote for India,” said Surendra Singh, a social activist.

“Gahmar is a village of army men. We keep nationalism above all things,” he said.

The Bharatiya Janata Party (BJP) in its election campaign has focussed on the air strikes the Indian Air Force conducted in Pakistani territory on February 26 after the killing of 40 Central Reserve Police Force (CRPF) personnel in Jammu and Kashmir 12 days prior.


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